भारत का सबसे बड़ा गुंबद, जिसमें कई बार गूंजती हैं आवाजें, जानें

भारत का समृद्ध इतिहास रहा है। इस कड़ी में भारत में कई शासकों ने ऐसे निर्माण भी करवाए, जो कि भारतीय इतिहास के पन्नों में हमेशा-हमेशा के लिए दर्ज हो गए। आज भी इन इमारतों को देखने के लिए बड़ी संख्या में देशी-विदेशी पर्यटक पहुंचते हैं और भारत के अतीत से रूबरू होते हैं।

 

पढ़ेंः 50 टन वजनी और 20 फीट लंबी है दुनिया की सबसे बड़ी तोप, जानें

 इनमें से कई ऐसी एतिहासिक इमारतें भी हैं, जो वैश्विक पटल पर अपनी पहचान बनाने में कामयाब हुई हैं, जिससे विदेशी सैलानी  भारत में इन पर्यटन स्थलों को देखने के लिए चले आते हैं। आपने कई इमारतों के ऊपर गोल गुंबद बने हुए देखे होंगे, जो कि पुराने समय में वास्तुकला का एक अद्भुत नमूना थे। हालांकि, क्या आपको पता है कि भारत का सबसे बड़ा गुंबद कहा स्थित है। यदि नहीं, तो इस लेख के माध्यम से हम इस बारे में जानेंगे। खास बात यह है कि इस गुंबद में आवाजें कई बार गूंजती हैं।

 

कौन-सा है भारत का सबसे बड़ा गुंबद

भारत के सबसे बड़े गुंबद की बात करें, तो यह गोल गुंबद है, जो कि कर्नाटक के बीजापुर में स्थित है। इस गोल गुंबद को भारत का सबसे बड़े गुंबद का दर्जा प्राप्त है, जो कि कई सालों से अपने स्थान पर खड़े होकर इतिहास की गवाही दे रहा है।

 

किसने कराया था निर्माण

भारत का सबसे बड़ा गोल गुंबद बीजापुर के सुल्तान मोहम्मद आदिल शाह का मकबरा है। इस मकबरे का निर्माण फारसी वास्तुकार रहे दाबुल के याकुत ने 1656 में करवाया था। इस मकबरे का निर्माण एक सूफी संत हाशिम पीर की दरगाह के पीछे किया गया है। 

See also  You have sharp eyesight if you can spot a frog in the bathroom within 8 seconds!

 

पढ़ेंः भारत का सबसे ऊंचा रेलवे स्टेशन कौन-सा है, जानें

60 मीटर ऊंचा है मकबरा

गोल गुंबद मकबरा 41 फीटर लंबा और 60 मीटर ऊंचा है। इस गुंबद में प्रवेश करते ही सामने की ओर आदिल शाह की कब्र का चिन्ह है। इसके साथ ही उनकी एक पत्नी आरूस बीबी और दूसरी पत्नी रांभा का भी कब्र चिन्ह है। वहीं, उनके बेटी और पोते की कब्र का चिन्ह है। ये मूल कब्र के ऊपर बनाए गए हैं, जबकि मूल कब्र के लिए बेसमेंट में जाना होता है। 

गुंबद में कई बार गूंजती हैं आवाजें

इस मकबरे में पहुंचने पर यदि कुछ बोला जाए, तो वह आवाज खत्म होने से पहले कई बार गूंजती है। गोल गुंबद का व्यास कुल 44 मीटर का है। वहीं, इसके धरातल पर कई प्रवेश द्वार भी हैं। शुरुआत में यह गुंबद जर्जर हो गया था। हालांकि, बाद में इसका संरक्षण किया गया और साल 2014 में यूनेस्को ने इसे अपनी टेंटेटिव लिस्ट में भी शामिल किया था। 

 

पढ़ेंः किस शहर को कहा जाता है ‘भारत का पेरिस’, जानें

 

पढ़ेंः कौन-सा है भारत का सबसे ऊंचा बांध, जानें

Categories: Trends
Source: vcmp.edu.vn

Leave a Comment