किस शहर को कहा जाता है ‘भारत का पेरिस’, जानें

भारत को विविधताओं का देश कहा जाता है। यहां पर हर एक शहर की अपनी एक विविधता है। शहरों की अपनी संस्कृति, भाषा, वेशभूषा, खान-पान और अनूठी परंपरा इन शहरों को खास बनाने का काम करती है। 

 

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हमने अपने पिछले कई लेखों में देश के अलग-अलग शहरों को उनके उपनामों से भी जाना है। अब इस लेकर माध्यम से हम भारत के एक ऐसे शहर को भी जानेंगे, जिसे भारत का पेरिस भी कहा जाता है।

यदि पेरिस शहर की बात करें, तो यह शहर एक ऐसा शहर है, जो की दुनिया में सबसे खूबसूरत शहरों में गिना जाता है। यही वजह है कि कई लोग यहां घूमने का भी सपना भी संजोते हैं, तो आइए इस लेकर माध्यम से हम भारत के पेरिस शहर के बारे में जानेंगे। कौन-सा है यह शहर और भारत के किस राज्य में है स्थित, जानने के लिए यह पूरा लेख पढ़ें। 

क्यों होता है शहरों का उपनाम

अब सबसे पहले सवाल तो यह है कि आखिर शहरों को उनके मूल नाम के अलावा उपनाम क्यों दिया जाता है, तो आपको बता दें कि हर शहर की अपनी एक खास विशेषता है। यह विशेषता शहर को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने में मदद करती है।

ऐसे में उन शहर में मिलने वाले खास उत्पाद या फिर खान-पान की वजह से शहरों की पहचान होती है। इससे उन शहरों के प्रति देशी और विदेशी सैलानी भी आकर्षित होते हैं। वहीं, शहर में पर्यटन को बढ़ावा मिलता है, जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलता है। ऐसे में एक यह भी वजह है कि शहरों को उनके मूल नाम के अलावा उपनाम से भी जाना जाता है।

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किस शहर को कहा जाता है भारत का पेरिस 

भारत में एक शहर ऐसा भी है, जिसे भारत का पेरिस कहा जाता है। आपको बता दें कि राजस्थान राज्य के जयपुर शहर को भारत का पेरिस भी कहा जाता है। राजा-महाराजाओं का यह शहर अपने आप में समृद्ध और गौरवशाली इतिहास के साथ सरस-संस्कृति को समेटे हुए हैं। इस एतिहासिक महत्व वाले शहर के कण-कण में शूरवीरों की गाथाएं रची-बसी हुई हैं। 

क्यों कहा जाता है भारत का पेरिस 

अब सवाल यह है कि आखिर जयपुर शहर को ही भारत का पेरिस क्यों कहा जाता है। आपको बता दें कि पेरिस शहर अपनी खूबसूरत इमारतों और उनकी वस्तुकलाओं के लिए जाना जाता है।

वहीं, दूसरी तरफ भारत की बात करें, तो भारत का जयपुर शहर ऐसा शहर है, जहां पर आपको खूबसूरत और एतिहासिक इमारतें देखने को मिल जाएंगी। उदाहरण के तौर पर जयपुर का सिटी पैलेस, जिसका निर्माण महाराज जय सिंह ने करवाया था।

वहीं, हवा महल, जिसका निर्माण सवाई प्रताप सिंह ने 1799 में करवाया था। यह हवा महल अपने खूबसूरत वास्तुकला के लिए जाना जाता है, जिसमें कुल 953 खिड़कियां हैं। इसके अलावा अंबर का किला भी जयपुर के खूबसूरत और देखने लायक जगह में से एक है। इस किले का निर्माण 16वीं शताब्दी में राजा मानसिंह द्वारा किया गया था।

इसके अलावा नाहरगढ़ का किला भी यहां पर दर्शन स्थल है, जिसका निर्माण 1734 में महाराजा सवाई जय सिंह द्वारा किया गया था। जयगढ़ का किला भी जयपुर में सबसे मशहूर किलों में से एक है।

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इसका निर्माण 18वीं शताब्दी में सवाई जयसिंह द्वारा किया गया था। इस जयगढ़ के किले में ही आज दुनिया की सबसे बड़ी तोप भी रखी गई है। इसके अलावा जयपुर शहर अपनी पुरानी संस्कृति और आधुनिकता के गठजोड़ के लिए भी जाना जाता है। यहां की सुंदर और चौड़ी सड़कें व साफ-सफाई भी यह आने वाले सैलानियों को आकर्षित करती है। 

 

जयपुर का इतिहास

जयपुर के इतिहास की बात करें, तो राजा भारमल के पुत्र महाराजा सवाई जयसिंह ने इस शहर की स्थापना की थी। इतिहास के कुछ पुरानी किताबें की मानें, तो यह शहर देश का पहला ऐसा शहर था, जिसे योजना के साथ बसाया गया था।

वहीं, राजा जयसिंह ने अपनी राजधानी आमेर में जनसंख्या बढ़ने और पानी की समस्या को देखते हुए जयपुर शहर के विकास की नींव रखी थी। इस शहर का निर्माण कार्य 1727 में शुरू हुआ था और पूरा होने में करीब 4 साल लगे।

इन चार सालों में शहर में कुछ प्रमुख स्थलों को बनाया गया था। यह शहर शुरुआत में 9 खंडों में विभाजित किया गया था, जिसमें दो खंडों में राजकीय इमारतें और राजमहलों का निर्माण किया गया था।

ऐसा भी कहा जाता है कि इस शहर के प्रमुख वास्तुविद् एक बंगाली ब्राह्मण विद्याधर थे, जो की आमेर के दरबार के एक लेखा लिपिक थे उनकी वास्तुकला में गहरी दिलचस्पी थी और महाराज ने उन्हें ही नई राजधानी के लिए जयपुर शहर को बसाने के लिए निर्देश दिया था।

 

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Source: vcmp.edu.vn

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